30 days festival - ritual competition 16 -Nov-2022 (38) यहूदी धर्म के मुख्य त्यौहार
शीर्षक = यहूदी धर्म के मुख्य त्यौहार
यहूदी धर्म को मानने वाले लोग ज्यादातर इज़राइल में ही बसें हुए ज़्यादा आबादी में, उसी के साथ साथ थोड़े बहुत यहूदी दुनिया भर के विभिन्न शहरों में भी अपना जीवन यापन करते है
उसी के साथ हिंदुस्तान के केरला, तमिलनाडु इत्यादि शहरों में भी यहूदी धर्म को मानने वाले लोग निवास करते है, आइये जानते है यहूदी धर्म में मनाये जाने वाले त्यौहार के बारे में
प्राचीन काल से चले आ रहे यहूदी त्योहार इजराइल में बड़े पैमाने पर और विभिन्न तरह से मनाए जाते हैं। ये त्योहार वहां के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक रीति-रिवाजों में परिलक्षित होते हैं और राष्ट्रीय जीवन के विविध पहलुओं पर अपनी गहरी छाप छोड़ते हैं। यहूदी त्योहार वे मील के पत्थर हैं, जिनसे इजराइली लोग अपने गुजरे हुए वर्षों को गिनते हैं। ये त्योहार बहुत हद तक रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होते हैं : गली-मुहल्लों से लेकर स्कूलों, सिनेगॉग (प्रार्थना गृह) और देश भर के घरों तक में।
शबात
यह इजराइल में साप्ताहिक विश्राम का दिन है, जो शनिवार को मनाया जाता है। इस दिन इजराइली पूरा वक्त परिवार और दोस्तों के बीच गुजारते हैं। सार्वजनिक यातायात और कारोबार बंद रहते हैं। जरूरी सेवाएं नाम मात्र के स्टाफ पर निर्भर रहती हैं। ज्यादा से ज्यादा सैनिकों को छुट्टी दे दी जाती है। दूसरे धर्मों के ज्यादातर लोग साप्ताहिक छुट्टी का लुत्फ समुद्र तटों, मनोरंजन की जगहों और घर के बाहर अन्य कार्यक्रमों के जरिए उठाते हैं। यहूदी श्रद्धालु इस दिन कई घंटे उत्सव संबंधी खानपान और सिनेगॉग सर्विस में बिताते हैं। वे इस दिन यात्रा करने से बचते हैं और बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करते।
रोश हशाना
यह यहूदी नववर्ष को चिह्नित करता है। इसकी उत्पत्ति बाइबल (लेव 23ः23-25) से जुड़ी है : एक पवित्र अवसर जो जोरदार धमाकों के साथ मनाया जाता है। रोश हशाना शब्द रैबिनिकल है, जिसका जिक्र साल की शुरुआत के रूप में आता है। इस त्योहार के प्रसंग हैं : प्रायश्चित, दैवीय फैसले के दिन की तैयारी और लाभदायक साल के लिए प्रार्थना। यह दो दिवसीय त्योहार यहूदी कैलंडर में 1-2 तिशरी को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक आमतौर पर सितंबर में पड़ता है। सभी यहूदी त्योहारों की तरह यह भी पिछली शाम से शुरू हो जाता है। रोश हशाना की मुख्य रस्मों में लंबे समय तक चलने वाली एक सिनेगॉग सर्विस के बीच शोफर (बिगुल जैसा वाद्ययंत्र) बजाना और नए साल की खुशी में घरों में तरह-तरह के पकवान बनाना शामिल है। कई मायनों में इजराइल नया साल रोश हशाना से शुरू होता है। सरकारी प्रपत्रों, अखबारों और प्रसारणों में सबसे पहले यहूदी तारीख का जिक्र होता है।
योम किपूर
रोश हशाना के आठ दिन बाद आने वाला योम किपूर प्रायश्चित, दैवी फैसले और आत्माओं के कष्ट (लेव. 23ः26ः32) का दिन होता है, ताकि व्यक्तियों के पाप धोए जा सकें। यह उपवास का एक मात्र दिन है, जिसका निर्देश बाइबल में है। यह अपने बुरे कर्मों को गिनने और अपनी खामियों पर विचार करने का दिन होता है। एक यहूदी से इस दिन अपेक्षा की जाती है कि वह आदमी और ईश्वर के बीच के पापों को क्षमा करने के लिए प्रार्थना करे और अपने साथियों के प्रति किए गए गलत कामों को सुधारे। योम किपूर की प्रमुख रस्मों - लंबी भक्ति सेवाएं और 25 घंटे का उपवास- का पालन अन्य धर्मों के लोग भी करते हैं। लोकप्रियता के लिहाज से यह सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन देश 25 घंटों के लिए पूरी तरह से ठहर जाता है। मनोरंजन के स्थान बंद रहते हैं। टीवी और रेडियो का प्रसारण नहीं होता, खबरों तक का नहीं। सार्वजनिक यातायात स्थगित रहता है। यहां तक की सड़कें भी पूरी तरह बंद हो जाती हैं। 1973 के युद्ध की स्मृति के कारण इजराइल में योम किपूर के खास मायने भी हैं। इसी दिन मिस्र और सीरिया ने इजराइल पर अचानक हमला बोल दिया था।
सुकौत
हनुकासंपादित करें
25 किसलेव (प्रायः दिसंबर में) को शुरू होने वाला हनुका ग्रीक शासकों (164 बीसीई) पर यहूदियों की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस जीत को दो रूपों में देखा जाता है : शक्तिशाली ग्रीस के खिलाफ छोटे यहूदी राष्ट्र की भौतिक जीत और यूनानियों के हेलेनिज्म के खिलाफ यहूदी आस्था की आध्यात्मिक जीत। त्योहार की पवित्रता जीत के आध्यात्मिक पहलू और तेल की कुप्पी के चमत्कार से जुड़ी है। वह चमत्कार, जब टेंपल के कैंडल को एक दिन के लिए जलाने के लिए रखे गए जैतून के तेल से वह आठ दिनों तक जलता रहा।
हनुका इजराइल में और प्रवासियों में भी आठ दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार का सबसे खास लक्षण हर शाम मोमबत्तियां जलाना है। मंदिर में हुए चमत्कार की तर्ज पर पहली रात एक, दूसरी रात दो, तीसरी रात तीन और इसी तरह आठवीं रात तक। हनुक्का का संदेश इजराइल की पुनः कायम की गई संप्रभुता पर जोर देता है। इसकी रस्में प्रवासियों के बीच भी कायम हैं। इस मौके पर एक खास तरह का चौकोर लट्टू उपहार में दिए जाने का चलन है। इस पर हिब्रू में चार अक्षर लिखे होते हैं, जो इस संदेश को दर्शाते हैं, एक बड़ा चमत्कार यहां हुआ। प्रवासियों के लिए इन अक्षरों का मतलब होता है, एक बड़ा चमत्कार वहां हुआ। इस दौरान हफ्ते भर के लिए स्कूल बंद होते हैं, लेकिन कारोबार और दफ्तर खुले रहते हैं।
30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन हेतु
Gunjan Kamal
18-Nov-2022 08:47 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻
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Prbhat kumar
17-Nov-2022 07:02 PM
शानदार
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Alka jain
17-Nov-2022 05:14 PM
Nice 👍🏼
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